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नीम करौली बाबा जी की कहानी….

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नीम करौली बाबा जी की कहानी

नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba), जिन्हें महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है, 20वीं सदी के एक महान संत और भक्त थे। वे अपने चमत्कारी कार्यों और भक्तों के प्रति प्रेम के लिए प्रसिद्ध थे। उनके अनुयायियों में न केवल भारत बल्कि विदेशों के भी कई प्रसिद्ध लोग शामिल रहे हैं, जिनमें एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और आध्यात्मिक गुरु राम दास (Richard Alpert) जैसे नाम प्रमुख हैं।


बचपन और जीवन परिचय
नीम करौली बाबा जी का जन्म 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था। उनका असली नाम लक्ष्मण दास शर्मा था। बचपन से ही वे आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे और संसारिक मोह-माया से दूर रहते थे। युवा अवस्था में ही वे घर छोड़कर सन्यासी बन गए और भक्ति तथा साधना में लीन हो गए।

नीम करौली नाम कैसे पड़ा?

ऐसा कहा जाता है कि एक बार वे करौली नामक गाँव के पास एक ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। जब टी.टी.ई. ने उन्हें उतार दिया, तो ट्रेन आगे नहीं बढ़ी। सभी उपाय करने के बाद भी जब ट्रेन नहीं चली, तो किसी ने सुझाव दिया कि बाबा को वापस बुलाया जाए। जैसे ही बाबा जी को वापस ट्रेन में बैठाया गया, ट्रेन चल पड़ी। इस घटना के बाद, लोगों ने उन्हें “नीम करौली बाबा” के नाम से बुलाना शुरू कर दिया।

उनकी शिक्षाएँ और चमत्कार

नीम करौली बाबा प्रेम, सेवा और भक्ति को सबसे महत्वपूर्ण मानते थे। वे कहते थे।
सबसे बड़ा धर्म सेवा है।सभी को प्रेम दो, सभी की सेवा करो, और हर किसी को भगवान में देखो।भक्ति और प्रेम ही सच्चा मार्ग है।

उनके कई चमत्कारों की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं, जैसे:
1.भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करना:कई भक्तों का मानना है कि बाबा जी की कृपा से उनकी समस्याएँ दूर हो जाती थीं।
2. अदृश्य रूप में दर्शन देना: कई भक्तों ने दावा किया कि बाबा जी ने उन्हें ऐसे समय पर दर्शन दिए जब वे संकट में थे।
3. अचानक प्रकट होकर मदद करना: कई बार बाबा जी भक्तों की मदद के लिए दूर-दूर तक प्रकट हुए, भले ही वे वहाँ शारीरिक रूप से मौजूद नहीं थे।

कैंची धाम आश्रम
नीम करौली बाबा जी ने उत्तराखंड के नैनीताल के पास कैंची धाम आश्रम की स्थापना की, जो आज एक विश्व प्रसिद्ध स्थान है। यहाँ हर साल हजारों भक्त आते हैं और बाबा जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
महासमाधि और विरासत
11 सितंबर 1973 को वृंदावन में बाबा जी ने महासमाधि ले ली, लेकिन उनके भक्तों का मानना है कि वे आज भी ऊर्जा के रूप में मौजूद हैं और भक्तों की मदद कर रहे हैं।

उनकी शिक्षाएँ आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं और उनके द्वारा स्थापित आश्रमों में सेवा और भक्ति का कार्य जारी है।

निष्कर्ष
नीम करौली बाबा जी केवल एक संत ही नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और सेवा के प्रतीक थे। उनके चमत्कार और शिक्षाएँ आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान कर रही हैं।

सबको प्रेम दो, सबकी सेवा करो, और भगवान को हर जगह देखो।– नीम करौली बाबा
जय श्री राम 🙏 जय हनुमान जी जय बाबा नीम करौली जी भगवान 🙏 शिव शक्ति जी

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