भूमि अंतरण दस्तावेजों के पंजीयन को लेकर सरकार ने जारी की नई अधिसूचना
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भूमि अंतरण दस्तावेजों के पंजीयन को लेकर सरकार ने जारी की नई अधिसूचना
राजस्व विभाग का निर्देश — बिना स्वीकृत पत्र प्रस्तुत किए नहीं होगा रजिस्ट्री का पंजीयन
नया रायपुर, 24 अप्रैल !
छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भूमि अंतरण से संबंधित दस्तावेजों के पंजीयन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। बुधवार को जारी असाधारण राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, अब किसी भी प्रकार की सरकारी, अर्ध-सरकारी या निजी संस्था द्वारा जारी स्वीकृति पत्र के बिना संबंधित भूमि की रजिस्ट्री पंजीकृत नहीं की जा सकेगी।
अधिसूचना के तहत छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 24 ख (1) का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि भूमि के विक्रय या अंतरण के लिए आवश्यक स्वीकृति अथवा अनुमति पत्र को अब अनिवार्य रूप से पंजीयन कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो पंजीयन की प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाएगी।
विभागीय सचिव अविनाश चम्पावत द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया है कि यह निर्णय पंजीयन प्रक्रिया को पारदर्शी और नियामक बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके तहत सब-रजिस्ट्री कार्यालयों को भी निर्देशित किया गया है कि वे बिना संबंधित स्वीकृति पत्र के किसी भी दस्तावेज का पंजीयन न करें।
राज्य शासन की इस अधिसूचना के प्रभाव में आने के बाद अब भूमि खरीद-बिक्री के मामलों में अधिक सतर्कता और औपचारिकता की आवश्यकता होगी।