ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन की बिलासपुर जिला कमेटी द्वारा राज्य सरकार का पुतला दहन किया गया एवं मुख्यमंत्री के नाम पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया…
🌎 बिलासपुर:आज हमारे छात्र संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन की बिलासपुर जिला कमेटी द्वारा राज्य सरकार के स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के निर्णय के खिलाफ एवं शिक्षकों व गैर शिक्षकीय स्टाफ के रिक्त सभी पदों पर तत्काल भर्ती करने की मांग पर अशोकनगर चौक बिलासपुर में राज्य सरकार का पुतला दहन किया गया एवं मुख्यमंत्री के नाम पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में हाल ही में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश उसी सेटअप के अनुसार लागू किया जा रहा है, जिसे अगस्त 2024 में व्यापक विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। अन्य शिक्षक संगठनों ने एवं अभिभावकों के साथ साथ हमारे छात्र संगठन AIDSO ने भी इस आदेश का विरोध करते हुए इसे शिक्षा एवं छात्र विरोधी बताया था। इससे पहले, 2 अगस्त 2024 को युक्तियुक्तकरण का जारी किया गया यह आदेश राज्य के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावित कर रहा था। इस आदेश में 60 बच्चों के लिए केवल एक प्रधान पाठक और एक सहायक शिक्षक का सेटअप लागू किया जा रहा है, जो पहले 60 बच्चों के लिए एक प्रधान पाठक और दो सहायक शिक्षकों का था। इसके बावजूद यह पुराना सेटअप भी नाकाम रहा था, क्योंकि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रत्येक कक्षा में एक शिक्षक, खेल शिक्षक व साथ ही तकनीकी कार्यों के लिए पर्याप्त कर्मचारियों का होना आवश्यक है। अब सरकार ने इस सेटअप को और भी घटा दिया है, जिससे प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर खतरे खड़े हो गए हैं।
मिडिल स्कूलों में भी युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षक संख्या में कटौती की गई है। पहले 105 बच्चों पर 1 प्रधान पाठक और 4 शिक्षक होते थे, लेकिन अब इस घटाकर 1 प्रधान पाठक और 3 शिक्षक होंगे। इस नए सेटअप का असर राज्य के अधिकतर स्कूलों पर पड़ेगा।
राज्य में शिक्षा की हालत बहुत ही दयनीय है। सरकार का ही आंकड़ा है कि राज्य भर में 4,595 स्कूल के भवन जर्जर होकर टूट रहे हैं। 5,392 सरकारी स्कूल केवल एक ही शिक्षक के भरोसे हैं जबकि 610 स्कूल शिक्षक विहीन है राज्य भर में 56,232 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली है। जहां आवश्यकता है इन रिक्त पदों को भरने एवं समस्या को दूर कर स्थिति में सुधार लाने की, तो सरकार इसके उलट शिक्षकों की आवश्यक संख्या को घटाकर शिक्षकों की कमी को पूरा करने का रास्ता अपना रही है जिससे शिक्षा की समस्याओं का समाधान तो दूर रहा बल्कि ऐसा होने पर शिक्षा के मूल उद्देश्य एवं सार तत्व को नष्ट कर इसे और भी सतही व खोखला बना देगा। यह कदम प्रदेश के लाखों आम गरीब छात्रों के शिक्षा व ज्ञान अर्जन के रास्ते को पूरी तरह से बंद कर देने की ओर एक कदम है।
तमाम शिक्षक संगठनों, अभिभावकों, शिक्षा प्रेमियों एवं हमारे छात्र संगठन AIDSO के द्वारा 2024 में जब से इस नीति की घोषणा की गई थी तब से ही इसका विरोध किया जा रहा है। जब तक युक्तियुक्तकरण की नीति वापस नही ली जाती तब तक हमारा आंदोलन मजबूती के साथ आगे बढ़ता रहेगा। समाचार द्वारा
त्रिलोचन साहू (अध्यक्ष)
AIDSO जिला कमेटी बिलासपुर
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन