
कोरोना की मार झेलने के बाद अब पान मसाला व्यापारी सेस वसूली के बदलाव से परेशान
रायपुर।वित्त मंत्रालय ने पान मसाला के व्यापार में सेस की वसूली में बदलाव कर दिया है किंतु पुराने स्टाक के सेस की भरपाई व्यापारी कैसे करेंगे इसका रास्ता अभी तक साफ नही हो सका है.पहले पान मसाला व्यापारियों को 160% सेस की भरपाई करना पड़ता था। जिसकी भरपाई अब सीधे पान मसाला कंपनी को करना होगा, किंतु पान मसाला के थोक व्यापारियों के पास अभी भारी मात्रा में पुराना स्टाक है। जिसमे सेस का चुकारा व्यापारियों को करना है. पहले पान मसाला के व्यापार करने वाले थोक व्यापारियों को सेस चुकाने में कंपनी से फायदा मिलता था किंतु वित्त मंत्रालय के ताजा फैसले में अब पान मसाला के जितने भी कंपनी है उन्हें मादक पदार्थों के एमआरपी रेट पर नए निर्धारित सेस प्रतिशत का चुकारा स्वयं करना है। इससे थोक व्यापारियों और कंपनी के बीच पुराने माल को लेकर असमंजस पैदा हो गया है.अगर कंपनी थोक व्यापारियों के पुराने माल पर इनपुट नही देती है तो थोक व्यापारियों को भारी आर्थिक क्षती का सामना करना पड़ सकता है. व्यापारियों ने इस संबंध में बताया कि सेस का बदलाव अभी तक क्लियर नहीं हो पा रहा है. 1 अप्रैल से शेष में जो बदलाव हुआ है उससे व्यापारी वर्ग पूर्ण रूप से चिंतित हो चुके है आखिर पुराना शेष इनपुट क्रेडिट डेबिट कैसे किया जाएगा सीए अकाउंटेंट कोई भी चीज को क्लियर नहीं कर पा रहा है. यदि सरकार शेष में बढ़ावा अत्यधिक करती है तो पूर्ण रूप से इसमें कितना समय दिया जाएगा यह अभी तक क्लियर नहीं किया गया है। जिससे पान मसाला व्यापार में परेशानी आ रही है.