🎯 बिलासपुर:यही सच है दरअसल जेल में बड़े अपराधियों को नशा से लेकर खाने पीने की विशेष सुविधा मिलती है भले ही इसे जेल प्रशासन झुठला दे लेकिन वे अच्छे से जानते है कि जेल में बड़े अपराधियों को सामान्य अपराधियों से अलग सुविधा मिलती है इसके लिए थोड़े पैसे और अंदर में पड़े कैदियों से सेटिंग रहनी चाहिए, कैदी जो वार्ड के नंबरदार होते है यही नंबरदार जेल में जाने वाले अपराधियों को सुख सुविधा देने के नाम पर अवैध रकम वुसलते है इस रकम में जेल के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों का भी हिस्सा रहता है जेल प्रशासन इन नंबरदारों को कई तरह के छूट देकर रखते है और दे भी क्यो नही जब बात हो माल की, कई बार जेल में रसूखदारों से खूब वसूली होती है स्पेशल खाना से लेकर नशा उपलब्ध कराने के लिए बंदियों से मनमाना रकम वसूला जाता है बाकायदा बंदियों से उनके परिजनों का नंबर लेकर पैसा की डिमांड की जाती है पुलिस विभाग जहाँ अपराधियों को बड़ी मशक्कत से खोजकर उन्हें जेल के संरक्षण में डालती है तो वही दूसरी तरफ जेल में इन अपराधियों को सुख सुविधा दी जाती है उन्हें अहसास ही नही होने देती कि वे बड़े अपराधी जेल की सलाखों में रोटी तोड़ रहे है जब वे बड़े अपराधी जेल से छूटते है तो इसी कारण दोबारा जेल जाने से भी नही डरते है और एक के बाद एक अपराध को अंजाम दे देते रहते है बड़े अपराधी जब जेल के अंदर जाते है तो उन्हें बैरक वार्ड में तत्काल स्पेशल बिस्तर दिया जाता है वही कोई साधारण अपराधी जेल जाए तो उसे कंबल देकर सोने के लिए थोड़ी सी जगह दी जाती है जेल के अंदर यह रियायत अपराधियों को उनके केस अपराध की धारा नही बल्कि उनके आपराधिक रिकार्ड को देखकर दिया जाता है तो किसी अपराधी को रसूख के दम पर सोने के लिए विशेष सुविधा दी जाती है जेल में भी बड़े अपराधी रोल के साथ रहते है छोटे छोटे अपराधों में जेल काटने वाले अपराधियों से रकम वसूली किया करते है जेल प्रशासन सब कुछ जानकर भी अंजान बनने की नौटँकी किया करते है इसी कारण बड़े अपराधी बार-बार वारदातों को अंजाम देकर जेल जाने से चूकते नही है बहरहाल मर्डर से सनसनी फैल चुकी बिलासपुर में कई बड़े अपराधी है जिनका रुतबा बाहर से ज्यादा जेल के अंदर में चलता है जेल में रहकर भी बड़े अपराधी जलवा काटते रहते है और अंदर में अपराधियों के बीच कभी कभी बडे वारदातों को अंजाम देने की डील भी कर लेते है पुलिस ने कई बार एसे वारदातों का खुलासा किया है जिन वारदातों को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग जेल के अंदर हुई है जेल में अलग-अलग बैरक है जहाँ बड़े अपराधी कैदी नंबरदार होते है इनमें कुछ अच्छे तो कुछ केवल वसूली का काम किया करते है जैसे ही कोई बंदी जेल में आमद देता है तो उन्हें अपने साथ रखने सुख सुविधा देने के नाम पर पैसों की मांग किया करते है तो कई नंबरदार बड़े अपराधियों की खुशामत करने में लगे रहते है
सुपरिटेंडेंट से लेकर जेलर और पहरी भी इन अपराधियों को जेल के अंदर काबू कर पाने में क्यो नाकाम है यह तो वही जाने? जेल में नशा और स्पेशल सुविधा आख़िर किसके कहने पर और क्यों दिया जाता है यह तो जेल प्रशासन ही जाने, फ़िलहाल इन सच्चाइयों से जेल प्रशासन नाकार नही सकता है, देखने वाली बात होगी कि जेल के अंदर बड़े अपराधियों को उल्टा सुख सुविधा देने में जेल प्रशासन कब तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेगी ?