💐 संभाग इंदौर ब्यूरो चीफ अमित महाजन खरगोन सत्य ज्ञान समागम 💐 🌍 खरगोन- लंबी खींचतान के बाद जिले में बालू ओर काली रेत का टेंडर हाल ही में हो चुका है। जानकारी के मुताबिक़ 6 माह के लिये हुये इस टेंडर को लेकर डिज़ियाना इंडस्ट्रीज़ प्रा.लि. इंदौर शासन को 6 करोड़ ₹ अदा कर चुकी है। उक्त कंपनी अधिकृत होने के बावज़ूद चिन्हित खदानों से रेत का उत्खनन नहीं कर पा रही है। चर्चा है कि 6 माह की अवधि में 6 करोड़ ₹ की राशि की रिकवरी की चिंता में कंपनी के कर्ताधर्ताओं की सांसे फूलने लगी है। इसका मुख्य कारण ग्रामीणों द्वारा विरोध बताया जा रहा है। पिछले दिनों सुलगांव ओर पेनपुर(उमरखली) में हुये विवाद बाद कंपनी के लोग सकते में है। यही वजह है कि अधिकृत होने के बावजूद कंपनी के लोगों को विवाद से बचने और सुरक्षा के दृष्टिगत प्रशासन की शरण लेना पड़ रही है। अब रेत पर मचे इस बवाल को शांत करने की चुनोती प्रशासन के सामने है। गौरतलब है कि जिले में अवैध उत्खनन के ख़िलाफ़ प्रशासन ने विशेष मुहिम चलाकर खनिजमाफ़ियाओं पर नकेल कस दी थी। इस मुहिम का काफ़ी हद तक असर दिखाई भी दिया लेकिन टेंडर प्रक्रिया के बाद अब अधिकृत कंपनी के ख़िलाफ़ लामबंद हुये ग्रामीण आख़िर क्या चाहते हैं? इस दिशा में प्रशासन को ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत है। चर्चा तो यहां तक हो रही है कि इस सारे फ़साद के पीछे वे खनिज माफ़िया हैं जिनपर खनिज अमले ने लगातार कार्रवाई की थी। समय रहते इस बवाल को शांत नहीं किया गया तो किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। हांलाकि निमाड़ की तासीर ऐसी नहीं है, फिर भी वक़्त का कोई ठिकाना नहीं है। बताया जा रहा है पूरा विवाद रॉयल्टी ओर टोकन के बीच उलझा हुआ है जिसे बातचीत या फिर विधि सम्मत सख़्ती से सुलझाया जा सकता है।